09 तिरुप्पावै
₹150.00
Book Name | 09 तिरुप्पावै |
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Book Author(मूल) | श्रीगोदाम्बाजी |
Book Author(व्याख्या) | श्रीशैल अनंत पुरुष अक्कारकनी श्रीसंपत्कुमाराचार्य स्वामीजी |
Published by | श्रीकांची प्रतिवादि भयंकर मठ |
Description | मूल :श्रीगोदाम्बाजी व्याख्या : तिरुप्पावै श्रीगोदाम्बाजी विरचित जो प्रत्येक श्रीवैष्णव के लिए नित्यानुसंधेय है और धनुर्मास में विशेष रूप से सभी श्रीवैष्णव घरों में मूल पाठ के साथ प्रतिदिन एक पाशूर के व्याख्या का भी अनुसंधान होता है । तिरुप्पावै की विस्तृत व्याख्या बहुत ही सुंदर सरल भाषा में है, हर एक पाशूर का व्यंगार्थ भी बहुत विशेष रूप से है, जिससे सारतम विषय को अत्यंत सरलता के साथ समझ सकते है। ३० पाशूर दर्शानेवाले रंगीन चित्रों को पाशूर के संक्षेप्तार्थ के साथ दिया गया है। |
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