19 स्तोत्र रत्न एवं च

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Book Name 19 स्तोत्र रत्न एवं च
Book Author(मूल)  श्री यामुनाचार्य स्वामीजी
Book Author(व्याख्या)  श्रीशैल अनंत पुरुष अक्कारखनी श्रीसंपत्कुमाराचार्य स्वामीजी
Published by श्रीकांची प्रतिवादि भयंकर मठ
Description श्रीयामुनाचार्य स्वामीजी विरचित यह स्तोत्र प्रायः सभी श्रीवैष्णवों के नित्यानुसंधान में रहता हैं । जिनको आलवंदार और वरदवल्लभा स्तोत्र के नाम से भी जाना जाता है । सभी स्तोत्रों में अत्यंत श्रेष्ठ स्तोत्र होने के कारण इसे स्तोत्ररत्न कहते है। इसका अत्यंत सरल भाषा में शब्दार्थ और भावार्थ वर्णन किया गया है । हर एक श्लोक का विस्तृत व्याख्यान दिया गया है, जिससे उसको अर्थ के साथ अनुसंधान करने में अमृत के समान भोग्य हो जाता है ।