03 श्रीरामानुज नुत्तंदादी मूल
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Book Name |
03 श्रीरामानुज नुत्तंदादी मूल |
Book Author (मूल) |
श्रीरंगामृत कवि |
Book Author (व्याख्या) |
श्रीशैल अनंत पुरुष अकारनी श्रीसंपत्कुमाराचार्य स्वामीजी |
Published by |
श्रीकांची प्रतिवादि भयंकर मठ |
Description |
श्रीरंगामृत कवि ने रामानुज स्वामीजी की स्तुति करते हुये १०८ पाशूरों की रचना की है। प्रपन्न श्रीवैष्णवों के लिए नित्यासुंधेय है, जिसको प्रपन्न गायत्री के नाम से भी जाना जाता है । हर पाशूर में रामानुज स्वामीजी का वैभव, आलवार आचार्यों के प्रति उनका प्रेम, अवैदिक मार्गों का खण्डन इत्यादि वर्णन किया गया है । जिसकी संक्षेप व्याख्या की गयी है। |